Thursday, April 8, 2010

पैमान-ए-इश्क में जाम जुदाई का पीना,
उफ़ बड़ा मुश्किल है तुझे भुला कर जीना |

3 comments:

  1. जितनी बढ़िया आपकी शायरी है उतनी ही बढ़िया आपकी फोटो :)

    अपने बारे में भी आपने खूब लिखा है, हा हा हा

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  2. धन्यवाद केशरी जी , वैसे फोटो गतिमान नहीं है इसलिए अच्छी लगी, वर्ना मेरी गति अच्छाई की कसौटी पर खरी नहीं उतरती |

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