Friday, April 9, 2010

वैसे हमे किसी बात का गम नहीं होता, 
तुझे खोने का एहसास मगर  कम नहीं होता |

2 comments:

  1. आप जब बुलायेंगे हम दौड़े आयेंगे
    मिलने का कोई अलहदा मौसम नहीं होता :)

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  2. मैं कहाँ ले जाउ अपनी शायरी का फन,,, तुम ही अपने दर पे इक शामे सुखन रखना... :-)

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